मुंह की बीमारियों को लें गंभीरता से, हो सकती है ये जानलेवा बीमारी

Muh ki bimariya
Dieses of mouth

मुंह की साफ-सफाई हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है लेकिन हम इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं।लेकिन क्या आपको पता है मुंह में होने वाली कई तकलीफें किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती हैं।

एक अध्ययन में पाया गया है कि सामान्य की तुलना में मुंह की बीमारियां 75 फीसदी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं। आइए जानते हैं क्या कहती है रिसर्च?

लंदन में हुई एक रिसर्च के मुताबिक कैंसर के संबंध मुंह से जुड़ी बीमारियों का संबंध अक्सर लिवर कैंसर या फिर लिवर या फिर पचन से संबंधी बीमारियों से जोड़ा जाता था लेकिन ऐसा नहीं है। तकरीबन 4 लाख से ज्यादा लोगों पर हुई इस नई रिसर्च में यह दावा किया गया है कि हेपेटोबिलरी कैंसर को छोड़ खराब मुंह की बीमारियों का गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर से कोई खास संबंध नही है।

आपको बता दें कि यह रिसर्च मलाशय और अग्नाशय के कैंसर के बीच संबंध को लेकर क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट के शोधकर्ताओं ने यूके में 4,69,000 से अधिक लोगों के एक बड़े समूह पर अध्ययन किया।

क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ हेडी डब्लयूटी जोर्डैओ के मुताबिक बताया कि मुंह की बीमारियों का हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह जैसी कई बीमारियों से होता है। हालांकि खराब ओरल हेल्थ और विशिष्ट प्रकार के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के बीच संबंध पर साक्ष्य असंगत हैं, जो कि हमारे शोध का उद्देश्य है।

लिवर करता है ये खास काम

डॉ हेडी डब्लयूटी जोर्डैओ ने आगे बताया कि मानव शरीर से बैक्टीरिया को निकालने में लिवर का योगदान होता है। जब लिवर हेपेटाइटिस, सिरोसिस या कैंसर जैसे रोगों से ग्रसित हो जाए तो यह काम करना बंद कर देता है, जिससे बैक्टीरिया शरीर में लंबे समय तक जीवित रहते हैं और नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।

फोसोबैक्टीरियम न्यूक्लिएटम एक बैक्टीरिया है जिसका जन्म मुंह से ही होता है लेकिन लिवर के कैंसर में इसकी भूमिका स्पष्ट नहीं है, इसलिए माइक्रोबायोम और लिवर कैंसर की जांच करने वाले अन्य अध्ययनों को भी देखा जाएगा।


वहीं एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि यदि मुंह की सेहत ठीक नहीं है तो लोगों के दांत जल्दी टूट जाते हैं। जिस वजह से लोग मुलायम चीजें खाने लगते हैं जिसमें पौष्टिकता की मात्रा कम होती है। इस वजह से लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

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